आतिशी (Atishi): शिक्षाविद से मुख्यमंत्री तक का प्रेरणादायक सफर, जानें उनकी कहानी

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आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी (Atishi), जिन्हें शिक्षा मंत्री के रूप में जाना जाता है, अब दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। 2020 में पहली बार विधायक बनने वाली आतिशी ने अपनी राजनीतिक यात्रा में तेजी से ऊंचाइयां हासिल की हैं। आज वह अरविंद केजरीवाल की जगह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, जो उनकी राजनीतिक योग्यता और विश्वास को दर्शाता है। आतिशी को AAP के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माना जाता है, और उनका सफर उनके समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है।

आतिशी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार सिंह और त्रिप्ता वाही के घर हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से हुई और उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने शेवनिंग छात्रवृत्ति प्राप्त की। इसके साथ ही, उन्होंने ऑक्सफोर्ड से ही शैक्षिक अनुसंधान में दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की, जिसे रोड्स स्कॉलरशिप के तहत पूरा किया।

आतिशी का झुकाव शिक्षा और समाज सेवा की ओर शुरू से ही था। उन्होंने अपने करियर के शुरुआती साल मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में बिताए, जहां वह जैविक खेती और प्रगतिशील शिक्षा प्रणालियों पर काम करती रहीं। वहां उन्होंने कई गैरलाभकारी संगठनों के साथ भी काम किया और यहीं उनकी पहली बार AAP के कुछ सदस्यों से मुलाकात हुई।

राजनीतिक सफर की शुरुआत

आतिशी का राजनीति में प्रवेश 2013 में हुआ जब उन्होंने आम आदमी पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव का मेनिफेस्टो तैयार किया। इसके बाद, 2014 में उन्हें पार्टी की प्रवक्ता बनाया गया। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ा, लेकिन वह बीजेपी के गौतम गंभीर से हार गईं। हालांकि, यह हार उन्हें राजनीति में पीछे नहीं ले जा सकी।

2020 में, आतिशी ने कालकाजी विधानसभा से चुनाव जीता और AAP की सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें दिल्ली की शिक्षा क्रांति का एक महत्वपूर्ण चेहरा माना जाता है। उन्होंने मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर शिक्षा में सुधार लाने के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यों को पूरे देश में सराहा गया है।

आतिशी का मुख्यमंत्री पद की ओर सफर

साल 2023 में, आतिशी को केजरीवाल सरकार में मंत्री पद मिला, और वह शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने लगीं। इसके बाद, उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उनकी कड़ी मेहनत और नेतृत्व की क्षमता के कारण ही 2024 में उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद नेताओं में आतिशी का नाम सबसे ऊपर आता है। केजरीवाल ने अपने विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।

संपत्ति और निजी जीवन

आतिशी एक साधारण जीवन जीती हैं, भले ही वह करोड़पति हैं। उनके पास लगभग 1.41 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें बैंक डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं। हालांकि, उनके पास न कोई खुद का घर है और न ही जमीन। उन्होंने शेयर बाजार या बॉन्ड बाजार में कोई निवेश नहीं किया है, लेकिन उनके पास 5 लाख रुपये की LIC हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है। आतिशी का मानना है कि एक राजनीतिक व्यक्ति को साधारण जीवन जीना चाहिए और उन्होंने इसे अपने जीवन में बखूबी अपनाया है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

आतिशी के नेतृत्व में दिल्ली ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। सरकारी स्कूलों में सुधार और शिक्षा का स्तर बढ़ाने में उनका योगदान अहम रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा को प्राथमिकता दी और इसे आम जनता तक पहुंचाने का काम किया। आतिशी का मानना है कि शिक्षा के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता, और इसी विचारधारा के साथ वह अब दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करेंगी।

आतिशी की यह यात्रा दर्शाती है कि कैसे एक साधारण शिक्षाविद् से वह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्ती बन गईं। उनका संघर्ष और उनकी मेहनत उन्हें आज इस मुकाम तक ले आई है, और आने वाले समय में उनके नेतृत्व से दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की उम्मीद है।

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