भारतीय पुरुष हॉकी टीम, जिसकी कप्तानी हरमनप्रीत सिंह (Harmanpreet Singh) कर रहे थे, ने एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (Asian Champions Trophy) का खिताब जीतकर अपनी पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics) की लय बरकरार रखी। इस फाइनल मुकाबले में, भारत ने चीन (China) को 1-0 से हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया। टीम के लिए जुगराज सिंह (Jugraj Singh) ने निर्णायक गोल दागा, जो मैच खत्म होने से केवल नौ मिनट पहले किया गया। यह गोल भारतीय टीम के लिए जीत का सूत्रधार बना। इससे पहले, भारतीय टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था, और इस बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भी स्वर्ण पदक पर अपनी पकड़ बनाई।
फाइनल में चीन की कड़ी चुनौती
इस बार चीन ने पहली बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया और उसने भारत को कड़ी टक्कर दी। दोनों टीमों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला, जिसमें भारतीय टीम को गोल करने के कई मौके मिले, लेकिन चीन के शानदार डिफेंस ने भारत को कोई बढ़त लेने का मौका नहीं दिया। शुरुआती तीन क्वार्टर तक मैच बिना किसी गोल के बराबरी पर रहा, जिससे ऐसा लग रहा था कि मैच पेनल्टी शूटआउट में जाएगा। लेकिन 51वें मिनट में जुगराज सिंह ने भारत के लिए एक निर्णायक गोल कर दिया, जिससे टीम को बढ़त मिली। भारतीय टीम ने इसके बाद अपनी डिफेंस को मजबूत रखा और चीन को बराबरी का गोल करने से रोका।
पांचवीं बार बना विजेता
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पांचवीं बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता। खास बात यह है कि भारतीय टीम लगातार दूसरी बार इस टूर्नामेंट की विजेता बनी है। सबसे पहले भारत ने 2011 में पाकिस्तान (Pakistan) को हराकर यह खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद, 2016 में भी पाकिस्तान को हराकर जीत दर्ज की थी। 2023 में मलेशिया (Malaysia) को फाइनल में हराकर चौथी बार इस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था। इस बार 2024 में, भारतीय टीम ने चीन को हराकर पांचवीं बार यह खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ, भारत एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का सबसे सफल टीम बन गया है।
गोल के मौके गंवाए लेकिन जीत हासिल की
भारतीय टीम ने पहले लीग मैच में चीन को 3-0 से हराया था, लेकिन फाइनल मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। मैच के शुरुआती दो क्वार्टर में भारत ने गोल करने के कई मौके बनाए, लेकिन चीन के मजबूत डिफेंस ने हर बार उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया। राजकुमार पाल (Rajkumar Pal) ने शुरुआती हमला किया, जिसे चीन के गोलकीपर वांग वेइहाओ (Wang Weihao) ने रोक दिया। भारत को 10वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन हरमनप्रीत सिंह गोल नहीं कर सके। इसके बाद भी नीलाकांत शर्मा (Neelakanta Sharma) और सुखजीत सिंह (Sukhjeet Singh) के शॉट्स को चीन के डिफेंस ने रोक दिया।
पहले क्वार्टर के खत्म होने से कुछ सेकेंड पहले, भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारतीय गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक (Krishan Bahadur Pathak) ने अपनी शानदार डिफेंस से गोल होने नहीं दिया। दूसरे क्वार्टर में भी भारत ने गेंद पर अपनी पकड़ बनाए रखी, लेकिन गोल करने में सफलता नहीं मिली। 27वें मिनट में भारत को सुखजीत ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया, लेकिन हरमनप्रीत का शॉट गोलपोस्ट से टकरा गया।
अंतिम क्षणों में गोल ने दिलाई जीत
दूसरे हाफ में चीन के खिलाड़ियों ने भारत के खिलाफ कई हमले किए और 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया, लेकिन भारतीय डिफेंस पूरी तरह चौकस रहा। 40वें मिनट में चीन को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय गोलकीपर पाठक ने दोनों को सफलतापूर्वक रोक दिया। फिर 51वें मिनट में हरमनप्रीत सिंह ने अपनी शानदार स्टिक वर्क का प्रदर्शन करते हुए गेंद को चीनी सर्कल में पहुंचाया और जुगराज सिंह को पास दिया। जुगराज ने कोई गलती नहीं की और गोल दागकर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी, जो अंत तक कायम रही।