Akash Deep की संघर्ष भरी कहानी: पिता-भाई को खोया, आर्थिक तंगी से जूझे और अब गेंदबाजी से मचा रहे हैं धूम

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Akash Deep , भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे, ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच में अपनी शानदार गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचा है। शुक्रवार को, उन्होंने बांग्लादेश की पहली पारी में लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर विरोधी टीम को बैकफुट पर धकेल दिया। आकाश ने अपने दूसरे ओवर में जाकिर हसन और मोमिनुल हक को आउट कर दिया। जाकिर ने तीन रन बनाए, जबकि मोमिनुल खाता भी नहीं खोल सके। यह सिर्फ आकाश का दूसरा टेस्ट मैच था, लेकिन उनका प्रभावशाली प्रदर्शन दर्शाता है कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

हालांकि, आकाश दीप के लिए यह सफर इतना आसान नहीं रहा। उनकी सफलता के पीछे संघर्ष की एक लंबी कहानी छिपी हुई है। पिता और भाई को खोने से लेकर आर्थिक कठिनाइयों तक, आकाश ने कई मुश्किलों का सामना किया है। आइए जानते हैं, उनकी संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी।

इंग्लैंड के खिलाफ किया धमाकेदार डेब्यू

आकाश दीप ने इस साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अपना डेब्यू किया था। पांच मैचों की इस सीरीज के चौथे मुकाबले में आकाश ने अपने पहले ही मैच में कमाल का प्रदर्शन किया और इंग्लैंड की पहली पारी में तीन विकेट लेकर सभी को चौंका दिया। उन्हें जसप्रीत बुमराह की जगह खेलने का मौका मिला, और उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा के भरोसे को सही साबित करते हुए यादगार प्रदर्शन किया।

संघर्ष से भरा सफर

आकाश दीप के लिए राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। बिहार के एक छोटे से गांव से आने वाले इस क्रिकेटर ने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया। पिताभाई के निधन से टूटने के बाद भी, आकाश ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और दृढ़ता से क्रिकेट में वापसी की।

आकाश का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता चाहते थे कि आकाश सरकारी नौकरी करें, लेकिन आकाश का मन क्रिकेट में था। पढ़ाई में उतना ध्यान न दे पाने की वजह से उन्हें कई ताने भी सुनने पड़े। आकाश ने पीटीआई से एक इंटरव्यू में बताया कि बचपन में उनके दोस्तों के परिवार वाले उन्हें अपने बच्चों से दूर रहने की सलाह देते थे। लोगों का कहना था कि आकाश से दोस्ती रखने पर उनका बच्चा बिगड़ सकता है।

2015: सबसे कठिन वर्ष

आकाश के जीवन का सबसे कठिन दौर 2015 में आया, जब उन्होंने छह महीने के भीतर अपने पिता और भाई दोनों को खो दिया। पिता का निधन स्ट्रोक की वजह से हुआ था, और इसके दो महीने बाद उनके भाई का भी देहांत हो गया। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि आकाश को तीन साल तक क्रिकेट छोड़ना पड़ा। उन्हें अपनी मां की देखभाल करनी थी, और इस वजह से उन्होंने क्रिकेट से दूरी बना ली।

हालांकि, तीन साल के बाद, आकाश को महसूस हुआ कि वह क्रिकेट के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने दुर्गापुर जाने का फैसला किया, जहां से फिर वह कोलकाता पहुंचे। यहां वे अपने चाचा के साथ एक छोटे से कमरे में रहने लगे। इसी दौरान, आकाश को क्लब क्रिकेट में खेलने का मौका मिला, और उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया।

दोस्त और चाचा ने की मदद

आकाश दीप ने बताया कि उनके दोस्त ने मुश्किल समय में उनकी बहुत मदद की। दुर्गापुर में क्लब क्रिकेट में खेलने से आकाश को थोड़ा आर्थिक सहारा मिल गया। इसके अलावा, उनके चाचा ने भी उनकी आर्थिक और मानसिक मदद की। चाचा की प्रेरणा और दोस्त की मदद ने आकाश को फिर से क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार किया।

आकाश ने 2019 में बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया। उसी साल, उन्हें लिस्ट ए और टी20 फॉर्मेट में भी खेलने का मौका मिला। उनके बेहतरीन प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम तक पहुंचा दिया।

क्रिकेट करियर की ऊंचाइयां

आकाश दीप ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत से पहले बंगाल की टीम के लिए 32 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने 116 विकेट लिए। इसके अलावा, उन्होंने 28 लिस्ट ए मैचों में 42 विकेट और 42 टी20 मैचों में 49 विकेट झटके। आकाश आईपीएल में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए भी खेल चुके हैं, जहां उन्होंने आठ मैचों में सात विकेट लिए।

क्लब क्रिकेट से लेकर आईपीएल तक

आकाश की क्रिकेट यात्रा में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की ओर से खेलना शुरू किया। आईपीएल में उनका प्रदर्शन भी काबिले तारीफ रहा है। चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में उन्होंने बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 17 रन बनाए और अश्विन के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा रहे आकाश

बांग्लादेश के खिलाफ आकाश दीप का मौजूदा प्रदर्शन दर्शाता है कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य में अहम भूमिका निभा सकते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ उनकी लगातार दो गेंदों पर दो विकेट ने भारतीय टीम की स्थिति मजबूत कर दी। भारत की पहली पारी में रविचंद्रन अश्विन ने 113 रन बनाए, रवींद्र जडेजा ने 86 रन की पारी खेली, जबकि यशस्वी जायसवाल ने 56 रन बनाए थे।

आकाश दीप के जीवन की संघर्ष भरी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ निश्चय से कोई भी मुश्किल रास्ता पार किया जा सकता है। आज आकाश दीप भारतीय क्रिकेट में एक नई रोशनी के रूप में उभर रहे हैं और उनकी सफलता की यात्रा अभी बाकी है।

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