भारतीय वायुसेना को 30 सितंबर 2024 को एक नया प्रमुख मिलने जा रहा है। एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह (Amar Preet Singh), जो वर्तमान में वायुसेना के उप–प्रमुख हैं, अब भारतीय वायुसेना के अगले चीफ के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे। वे एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी (Vivek Ram Chaudhari) की जगह लेंगे, जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह का सफर
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह का जन्म 27 अक्तूबर 1964 को हुआ था। उन्होंने दिसंबर 1984 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट के रूप में सेवा शुरू की थी। अपने 40 साल के लंबे करियर में उन्होंने वायुसेना में कई महत्वपूर्ण कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल पदों पर काम किया है। इसके साथ ही, उन्हें विदेश में भी वायुसेना की कई अहम जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, जहाँ उन्होंने भारतीय वायुसेना का नाम ऊँचा किया।
5,000 घंटों से अधिक उड़ान का अनुभव
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (DSSC), और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज (NDC) के पूर्व छात्र हैं। वे एक अत्यंत कुशल और अनुभवी पायलट हैं, जिनके पास फिक्स्ड और रोटरी विंग विमानों पर 5,000 घंटों से अधिक की उड़ान का अनुभव है। उनके इस व्यापक अनुभव ने उन्हें एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और नेतृत्वकर्ता बना दिया है।
फाइटर स्क्वाड्रन और फ्रंटलाइन एयर बेस की कमान
अपने करियर के दौरान, एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशनल फाइटर स्क्वाड्रन और फ्रंटलाइन एयर बेस की कमान संभाली है। उनका नेतृत्व मिग-29 अपग्रेड प्रोजेक्ट के लिए मॉस्को, रूस में भी महत्वपूर्ण रहा। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय उड़ान परीक्षण केंद्र में परियोजना निदेशक (उड़ान परीक्षण) के रूप में भी सेवा दी है। उनकी यह भूमिका महत्वपूर्ण थी, जहाँ उन्होंने नई विमान तकनीक के परीक्षणों का निरीक्षण किया।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस‘ के उड़ान परीक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका
एयर मार्शल सिंह को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Tejas) के उड़ान परीक्षण की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस चुनौतीपूर्ण कार्य में उनकी दक्षता और नेतृत्व ने भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया। इसके अलावा, उन्होंने दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में वायु रक्षा कमांडर और पूर्वी वायु कमान में वरिष्ठ वायु स्टाफ अधिकारी के पदों पर भी कार्य किया है।
मध्य वायु कमान के प्रमुख की भूमिका
वायुसेना के उप–प्रमुख बनने से पहले, एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह मध्य वायु कमान (Central Air Command) के एयर ऑफिसर कमांडिंग–इन–चीफ के पद पर थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने वायुसेना के विभिन्न अभियानों को सफलतापूर्वक संचालित किया। उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव ने उन्हें वायुसेना के शीर्ष पद तक पहुँचाया है।
नई जिम्मेदारी और चुनौतियाँ
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह अब भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख के रूप में एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण और देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, उन पर वायुसेना को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। उनकी यह यात्रा सिर्फ वायुसेना के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
वायुसेना में उनकी नेतृत्व क्षमता, उच्च स्तरीय तकनीकी ज्ञान और उनके वर्षों के अनुभव से यह स्पष्ट है कि वे इस पद को बड़ी कुशलता से संभालेंगे। उनके नेतृत्व में भारतीय वायुसेना और भी सशक्त और आधुनिक बनने की दिशा में अग्रसर होगी।